भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में क्रेडिट स्कोर से जुड़े नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो देश के लाखों उधारकर्ताओं के लिए राहत की खबर लेकर आए हैं। अब तक ऋण स्वीकृति के लिए केवल सिबिल स्कोर को ही प्रमुख मानदंड माना जाता था, लेकिन नए नियमों से यह स्थिति बदलने वाली है। यह बदलाव उन लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद साबित होगा जो पहली बार बैंकिंग प्रणाली से जुड़ रहे हैं या जिनके पास पर्याप्त क्रेडिट इतिहास मौजूद नहीं है।
नए आवेदकों के लिए राहत
आरबीआई के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार अब बैंक केवल कम सिबिल स्कोर के आधार पर किसी का लोन आवेदन अस्वीकार नहीं कर सकेंगे। ऐसे आवेदकों की वित्तीय स्थिति का समग्र मूल्यांकन करना आवश्यक होगा। इससे युवाओं और नए उद्यमियों को ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी, जो अब तक सीमित क्रेडिट हिस्ट्री के कारण बैंक से कर्ज लेने में कठिनाई झेलते थे। यह कदम वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा और अधिक लोगों को औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ने में मदद करेगा।
ऋण अस्वीकृति पर स्पष्ट कारण जरूरी
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अब किसी भी ऋण आवेदन को अस्वीकार करने पर स्पष्ट और तार्किक कारण प्रस्तुत करें। केवल कम क्रेडिट स्कोर दिखाकर आवेदन ठुकराना अब संभव नहीं होगा। इससे उधारकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। कई बार गलत या अधूरी जानकारी के कारण किसी व्यक्ति का स्कोर प्रभावित हो जाता है, ऐसे मामलों में अब बैंकों को अधिक जिम्मेदारी से निर्णय लेना होगा।
निःशुल्क क्रेडिट रिपोर्ट का लाभ
वित्त मंत्रालय ने घोषणा की है कि अब हर व्यक्ति को साल में एक बार निःशुल्क क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त करने का अधिकार होगा। पहले इसके लिए शुल्क देना पड़ता था। इस कदम से लोग अपने क्रेडिट इतिहास की निगरानी कर सकेंगे और किसी भी गलती को समय रहते सुधार सकेंगे। यह सुविधा आम नागरिकों में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।
समाज पर सकारात्मक प्रभाव
आरबीआई के ये नए नियम ग्रामीण और शहरी दोनों वर्गों के लिए समान रूप से लाभकारी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग, महिला उद्यमी और छोटे किसान अब आसानी से बैंक ऋण प्राप्त कर सकेंगे। इससे अनौपचारिक कर्ज बाजार पर निर्भरता कम होगी और आर्थिक आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन मिलेगा।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसे वित्तीय सलाह के रूप में न लें। बैंकिंग नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए किसी भी ऋण आवेदन से पहले संबंधित बैंक की नवीनतम नीतियों की जांच करना आवश्यक है। क्रेडिट स्कोर या ऋण से संबंधित किसी भी निर्णय के लिए योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना उचित रहेगा।