राजस्थान सरकार ने राज्य के लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए त्योहारों से पहले बड़ी सौगात दी है। सरकार ने महंगाई भत्ते (DA) में 3 प्रतिशत की वृद्धि करने का ऐलान किया है। अब कर्मचारियों को 55% की जगह 58% महंगाई भत्ता मिलेगा। वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह संशोधित दरें 1 जुलाई 2025 से लागू होंगी। इस फैसले से कर्मचारियों और सेवानिवृत्त लोगों को आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है।
वित्त विभाग के आदेश के प्रमुख बिंदु
राज्य के वित्त विभाग ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता केवल कर्मचारियों के मूल वेतन यानी बेसिक पे पर आधारित होगा। यदि गणना के बाद राशि 50 पैसे या उससे अधिक निकलती है तो उसे अगले पूरे रुपये में जोड़ा जाएगा। इससे कर्मचारियों के मासिक वेतन में सीधा इजाफा होगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
जीपीएफ खाते में जाएगी बढ़ी हुई राशि
सरकार के आदेश के अनुसार, 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 के बीच बढ़ी हुई महंगाई भत्ते की राशि कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में जमा की जाएगी। जिन कर्मचारियों की नियुक्ति 1 जनवरी 2004 से पहले हुई है, उनकी राशि पारंपरिक जीपीएफ खाते में जाएगी। वहीं, 1 जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों की राशि जीपीएफ-2004 खाते में स्थानांतरित की जाएगी। बोर्ड, निगम और स्वायत्त संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों की राशि जीपीएफ-एसएबी खाते में जमा होगी।
अक्टूबर वेतन के साथ नकद भुगतान
महंगाई भत्ते की नकद अदायगी अक्टूबर 2025 के वेतन के साथ की जाएगी, जिसकी वास्तविक भुगतान तिथि 1 नवंबर 2025 तय की गई है। यानी कर्मचारियों को नवंबर में अपने नियमित वेतन के साथ-साथ बढ़ा हुआ भत्ता भी मिलेगा। यह कदम कर्मचारियों की मासिक आय में बढ़ोतरी करेगा और बढ़ती महंगाई के असर को कम करने में मददगार साबित होगा।
त्योहारी सीजन में मिली राहत
सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है। दिवाली जैसे बड़े त्योहारों से पहले महंगाई भत्ते में यह बढ़ोतरी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए खुशखबरी लेकर आई है। बढ़ा हुआ भत्ता सीधे उनकी जेब में अतिरिक्त धन के रूप में पहुंचेगा, जिससे त्योहारी खर्चों में आसानी होगी। आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, इस निर्णय से बाजार में खरीदारी बढ़ेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
राज्य के कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि महंगाई के इस दौर में यह राहत बेहद जरूरी थी। हालांकि कुछ संगठनों ने मांग की है कि महंगाई भत्ते की समीक्षा नियमित रूप से की जानी चाहिए ताकि कर्मचारियों की आय जीवनयापन की बढ़ती लागत के अनुरूप बनी रहे। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि भुगतान प्रक्रिया समय पर पूरी हो ताकि कर्मचारियों को कोई असुविधा न हो।
भविष्य की योजनाएं
सरकारी सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार आगे भी कर्मचारियों के हित में कदम उठाने पर विचार कर रही है। राजस्व स्थिति में सुधार होने के बाद अन्य भत्तों और सुविधाओं में भी संशोधन की संभावना है। सरकार चाहती है कि कर्मचारियों को एक स्थिर और सम्मानजनक कार्य वातावरण मिले जिससे वे बेहतर सेवाएं दे सकें।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सूचना और जन-जागरूकता के उद्देश्य से तैयार किया गया है। महंगाई भत्ते से जुड़ी नवीनतम जानकारी और आधिकारिक आदेश के लिए कृपया राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या वित्त विभाग से संपर्क करें।
